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नीलेश रघुवंशी को 2014 का शैलप्रिया स्मृति सम्मान

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नीलेश रघुवंशीजानी-मानी कवयित्री हैं और 2012 में प्रकाशित उनके उपन्यास 'एक कस्बे के नोट्स'की काफी चर्चा हुई थी. उनको जानकी पुल की ओर से 'शैलप्रिया स्मृति सम्मान'की बधाई- मॉडरेटर.
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शैलप्रिया स्मृति न्यास की ओर से द्वितीय शैलप्रिया स्मृति सम्मान सुख्यात लेखिका नीलेश रघुवंशी को देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार स्त्री-लेखन के लिए दिया जाता है इस सम्मान के निर्णायक मंडल में सर्वश्री रविभूषण, महादेव टोप्पो और प्रियदर्शन शामिल हैं। निर्णायक मंडल ने सम्मान पर एक राय से फ़ैसला किया है। निर्णायक मंडल की ओर से कहा गया है, नब्बे के दशक में अपनी कविताओं से हिंदी के युवा लेखन में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली कवयित्री नीलेश रघुवंशी की रचना यात्रा पिछले दो दशकों में काफी विपुल और बहुमुखी रही है। इसी दौर में भूमंडलीकरण के चौतरफ़ा हमले में जो घर, जो समाज, जो कस्बे अपनी चूलों से उख़ड़ रहे हैं, उन्हें नीलेश रघुवंशी का साहित्य जैसे फिर से बसाता है। जनपक्षधरता उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता भर नहीं, उनकी रचना का स्वभाव है जो उनके जीवन से निकली है। कमजोर लोगों की हांफती हुई आवाज़ें उनकी  कलम में नई हैसियत हासिल करती हैं। 2012 में प्रकाशित उनके उपन्यास एक कस्बे के नोट्सके साथ उनके लेखकीय व्यक्तित्व का एक और समृद्ध पक्ष सामने आया है। समकालीन हिंदी संसार में यह औपन्यासिक कृति अलग से रेखांकित किए जाने योग्य है जिसमें एक कस्बे के भीतर बेटियों से भरे एक मेहनतकश घर की कहानी अपनी पूरी गरिमा के साथ खुलती है। कहना न होगा कि इस पूरे रचना संसार में स्त्री-दृष्टि सक्रिय है जो बेहद संवेदनशील और सभ्यतामुखी है। द्वितीय शैलप्रिया स्मृति सम्मान के लिए नीलेश रघुवंशी का चयन करते हुए हमें खुशी हो रही है।

नीलेश रघुवंशी को यह सम्मान 14 दिसंबर 2014 को रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा। उन्हें सम्मान स्वरूप पंद्रह हज़ार की राशि, एक मानपत्र और शॉल प्रदान किए जाएंगे।



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