भयावह फिल्मों का अनूठा संसार
प्रचण्ड प्रवीर विश्व सिनेमा पर सीरिज लिख रहे हैं. यह दूसरी क़िस्त है 'हॉरर'फिल्मों पर. इस लेख में न सिर्फ कुछ महान हॉरर फिल्मों का उन्होंने सूक्ष्म विश्लेषण किया है बल्कि शास्त्रों के भयानक रस के आधार...
View Articleक्या सचमुच अच्छे अनुवादक नहीं हैं?
सी-सैट को समाप्त करने के लिए युवाओं के आन्दोलन के पीछे एक बड़ा तर्क अनुवाद के सम्बन्ध में दिया जा रहा है. जिस तरह की भाषा में प्रश्न पत्र का अनुवाद हो रहा है उसे खुद अनुवादक कैसे समझ लेता है यह दिलचस्प...
View Articleमनोहर श्याम जोशी से वह मेरी पहली मुलाकात थी
आजमनोहर श्याम जोशीजीवित होते तो 81 साल के होते. उनकी स्मृति को प्रणाम करता हूँ और उनके ऊपर लिखी जा रही अपनी किताब का एक अंश आपके लिए जो उनसे मेरी पहली मुलाकात को लेकर है-...
View Articleझुकी पलकें पलटकर लिखतीं एक ऐसे महान अभिनय का शिलालेख
अच्छी कविताएं हमारी स्मृतियों में रह जाती हैं. करीब 15 साल पहले हिंदी के चर्चित कवि दिनेश कुशवाहने फिल्म अभिनेत्रियों रेखा, हेलेन, स्मिता पाटिल और मीना कुमारी पर कवितायेँ लिखी थी, जो 'हंस'में छपी थी....
View Articleकिस्मत के मारे यह काबिल सितारे
आज सैयद एस. तौहीदने कुछ गुमनाम फ़िल्मी सितारों पर लिखा है. आपको कुछ नाम याद आयें तो आप भी इनमें नाम जोड़ सकते हैं- मॉडरेटर=======================वक्त का न्याय सबसे महान होता है। हमारी फिल्म इंडस्ट्री ने...
View Articleदेशभक्ति गीत और उनके गीतकार
हर साल आजादी के दिन हम कुछ देशभक्ति की बातें कर लेते हैं, कुछ गीत गा-सुन लेते हैं मगर उन गीतकारों को नहीं याद करते हैं जिन्होंने देशभक्ति की भावना से लबरेज ये गीत लिखे थे. ऐसे ही कुछ गीतकारों पर सैयद...
View Articleक्रिकेट खेल, धर्म और राजनीति का सम्मिश्रण था
आजादी से पहले के दौर में अंग्रेजों ने किस तरह क्रिकेट के खेल का राजनीतिक इस्तेमाल किया इसको समझने के लिए रामचंद्र गुहाकी किताब 'विदेशी खेल अपने मैदान पर' पढने लायक है. उसी का एक सम्पादित अंश क्रिकेट और...
View Articleलखनऊ और अमृतलाल नागर दोनों एक दूसरे के लिए बने थे!
आज हिंदी के विलक्षण गद्यकार अमृतलाल नागर की जयंती है. नागर जी की स्मृति को प्रणाम करते हुए लखनवी ठाठ के इस लेखक पर समकालीन लेखक दयानंद पाण्डेय का यह लेख पढ़िए, जो बड़ी रोचक शैली में लिखा गया है- मॉडरेटर...
View Articleगुलजार की पहुँच हर पीढ़ी, हर दिल तक है!
गुलजार शायद ऐसे अकेले लेखक-कलाकार हैं जिनसे हर उम्र, हर सोच के लोग गहरे मुतास्सिर हैं. जीते जी वे एक ऐसे मिथक में बदल गए हैं सब जिनके मानी अपन अपने ढंग से समझना चाहते हैं. यकीन न हो तो इस युवा लेखक...
View Articleमल को कमल बनानेवाले पुराणकार आचार्य रामपदारथ शास्त्री की जय हो!
आलोचक संजीव कुमारइन दिनों किसी 'सबलोग'नामक पत्रिका में व्यंग्य का एक शानदार स्तम्भ लिखते हैं 'खतावार'नाम से. अब चूँकि वह पत्रिका कहीं दिखाई नहीं देती है इसलिए हमारा कर्त्तव्य बनता है कि अनूठी शैली में...
View Articleअविनाश मिश्र की कविताएं
हरेप्रकाश उपाध्याय के संपादन में निकली पत्रिका 'मंतव्य'की वाह-वाह हो रही है लेकिन यह लिखने वाले कम लोग हैं कि इस पत्रिका में छपी रचनाओं में अच्छा क्या है. सोशल मीडिया की वाह-वाह ऐसी ही होती है. बहरहाल,...
View Articleविस्मय और चमत्कार : विश्व सिनेमा में अद्भुत रस की फिल्में
आइआइटी पलट युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीरको कुछ लोग 'अल्पाहारी गृहत्यागी'(हार्पर कॉलिन्स) उपन्यास के कारण जानते हैं, आजकल मैं उनको विश्व सिनेमा पर लिखी इस लेखमाला के कारण जान रहा हूँ, जिसमें उन्होंने रसों के...
View Articleबादल रोता है बिजली शरमा रही
जब सीतामढ़ी में था तो नवगीत दशक-1 को साहित्य की बहुत बड़ी पुस्तक मानता था. एक तो इस कारण से कि हमारे शहर के कवि/गीतकार रामचंद्र 'चंद्रभूषण'के गीत उसमें शामिल थे, दूसरे देवेन्द्र कुमारके गीतों के कारण....
View Articleइतिहास की सही समझ के सिद्धांतकार
आज प्रसिद्ध इतिहासकार बिपिन चन्द्राको श्रद्धांजलि देते हुए प्रोफ़ेसरराजीव लोचनने 'दैनिक हिन्दुस्तान'में बहुत अच्छा लेख लिखा है. जिन्होंने न पढ़ा हो उनके लिए- मॉडरेटर...
View Articleलड़कियां तरह-तरह से बचाए रखती हैं अपना प्रेम
'लव जेहाद'के बहाने ये कविताएं लिखी जरूर गई हैं मगर ये प्रेम की कवितायेँ हैं, उस प्रेम की जिसके लिए भक्त कवि 'शीश उतार कर भूईं धरि'की बात कह गए हैं. ये कवितायेँ प्रासंगिक भी हैं और शाश्वत भी....
View Articleसमेकित भारतीय साहित्य की अवधारणा - के. सच्चिदानंदन
उमेश कुमार सिंह चौहान हिंदी के समर्थ कवि ही नहीं हैं, वे हिंदी के उन दुर्लभ लोगों में हैं जिन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं और हिंदी के बीच पुल बनाया है. मलयालम साहित्य की समृद्ध परंपरा का ज्ञान हम हिंदी...
View Articleदिल का एक सितारा चला गया है
अभी कुछ दिन पहले ही 30 अगस्त को हिंदी सिनेमा के अमर गीतकार शैलेन्द्रकी जयंती थी. उनका और राज कपूर का रिश्ता अटूट माना जाता था. फिल्म समीक्षक सैयद एस. तौहीदने इसी बात की याद दिलाने के लिए यह सौगात भेजी...
View Articleअकथ का आश्चर्यलोक : ‘अँधेरे में’
मुक्तिबोधआधुनिक हिंदी कविता के गुरु हैं. आज उनकी कविता 'अँधेरे में'पर लिखा यह आत्मीय लेख पढ़ते हैं. लिखा है विदुषी कवयित्रीसविता सिंहने- मॉडरेटर.====================================जब मैं कविता लिखने...
View Articleपामेला एंडरसन की कविता हिंदी अनुवाद में
किसे ख़बर थी कनेडियाई अदाकारा—पामेला एंडरसन—ज़िंदगी के कई रंगों में नहाने के बाद, हाल में ही दूसरी बार तलाक के बाद कविता की ओट में आ खड़ी होगी। हाल में पामेला ने एक लम्बी कविता लिखी है, जिसमें जीवन का...
View Articleनीलेश रघुवंशी को 2014 का शैलप्रिया स्मृति सम्मान
नीलेश रघुवंशीजानी-मानी कवयित्री हैं और 2012 में प्रकाशित उनके उपन्यास 'एक कस्बे के नोट्स'की काफी चर्चा हुई थी. उनको जानकी पुल की ओर से 'शैलप्रिया स्मृति सम्मान'की बधाई-...
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