Quantcast
Channel: जानकीपुल
Viewing all articles
Browse latest Browse all 596

जौन ईलिया 'गुमान'और कुछ ग़ज़लें

$
0
0
मजरूह सुल्तानपुरी ने जौनईलियाको शायरों का शायर कहा था. वे उर्दू में नासिर काज़मी के बाद दूसरे ऐसे शायर हैं जिनकी मकबूलियत मरने के बाद बढती गई है. सोशल मीडिया के जमाने में तो ऐसा लगता है कि बस वही एक शायर था जिसने आज के दौर के लोगों के दिल को समझा था, उनके दर्द को समझा था, मोहब्बत की तासीर समझी थी, उसका फ़साना समझा था. बहरहाल, देवनागरी में उनकी पहला दीवान 'गुमान'छ्पकर आया है. Anybookप्रकाशन से. किसी बड़े प्रकाशक के यहाँ से नहीं आया है. लेकिन यह दीवान एनीबुक ने जितना सुन्दर छापा है लगता नहीं है कोई बड़ा प्रकाशक इससे बेहतर छाप सकता था. बहरहाल, जौन की कुछ कम प्रचलित गजलों का लुत्फ़ उठाइए- मॉडरेटर 
============== 

1. 
दिल जो दीवाना नहीं आखिर को दीवाना भी था
भूलने पर उसको जब आया तो पहचाना भी था

जानिये किस शौक में रिश्ते बिछड़कर रह गए
काम तो कोई नहीं था पर हमें जाना भी था

अजनबी-सा एक मौसम, एक बेमौसम सी शाम
जब उसे आना नहीं था जब उसे आना भी था

जानिये क्यूँ दिल की वहशत दरमियाँ में आ गयी
बस यूँ ही हमको बहकना भी था बहकाना भी था

इस महकता सा वो लम्हा था कि जैसे इक ख़याल
इक जमाने तक उसी लम्हे को तड़पाना भी था

२.
काम की बात मैंने की ही नहीं
ये मेरा तौरे ज़िन्दगी ही नहीं

ऐ उमीद! ऐ उमीदे-नौ-मैदां
मुझसे मैयत तेरी उठ ही नहीं

मैं तो था उस गली का मस्त-खिराम1   1. मस्त चाल चलने वाला
उस गली में मेरी चली ही नहीं

ये सुना है कि मेरे कूच के बाद
उसकी खुशबू कहीं बसी ही नहीं

थी जो इक फाख्ता उदास-उदास
सुबह वो शाख से उड़ी ही नहीं

मुझमें अब मेरा जी नहीं लगता
और सितम ये कि मेरा जी भी नहीं

वो जो रहती थी दिल मोहल्ले में
फिर वो लड़की मुझे मिली ही नहीं

जाइए और ख़ाक उड़ाइए आप
अब वो घर क्या कि वो गली ही नहीं

हाय! वो शौक जो नहीं था कभी
हाय! वो जिन्दगी जो थी ही नहीं

3.
कर लिया खुद को जो तनहा मैंने
ये हुनर किसको दिखाया मैंने

वो जो था उसको मिला क्या मुझसे
उसको तो ख्वाब ही समझा मैंने

दिल जालान कोई हासिल तो न था
आखिरे-कार किया क्या मैंने

देखकर उसको हुआ मस्त ऐसा
फिर कभी उसको न देखा मैंने

इक पलक तुझसे गुजरकर ता-उम्र
खुद तेरा वक्त गुजारा मैंने

अब खड़ा सोच रहा हूँ लोगो
क्यों किया तुझको इकठ्ठा मैंने 

Viewing all articles
Browse latest Browse all 596

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>