नवरात्र, बांगला संस्कृति और 'अंधी छलांग'
नवरात्र के दौरान बांगला समाज के जीवन, उनकी संस्कृति और एक स्त्री के निजी जीवन की त्रासदी को लेकर बांगला भाषा की नई दौर की चर्चित लेखिका मंदाक्रान्ता सेनका उपन्यास है 'अंधी छलांग'. आज महानवमी है. आज इस...
View Articleयह फ़िल्म देखते हुए बरबस ही कामसूत्र याद हो आई!
'पार्च्ड'फिल्म को लेकर स्त्रीवाद के सन्दर्भ में काफी बहस हुई थी. यह लेख उसी फिल्म के बहाने लिखा है लेखिका दिव्या विजयने- मॉडरेटर =========यह फ़िल्म देखते हुए बरबस ही कामसूत्र याद हो आई। नग्न अथवा...
View Article'मिर्ज्या'फिल्म आई भी चली भी गई!
राकेश ओमप्रकाश मेहराकी फिल्म 'मिर्ज्या'पर सैयद एस. तौहीदकी टिप्पणी- मॉडरेटर ==========================================================राकेश ओमप्रकाश मेहरा की ‘मिर्जिया’ रिलीज़ हुई..आपने देखी? दो...
View Articleशुरुआत ‘कुछ नहीं’ है
स्कूली लेखक अमृत रंजनइस बार बहुत दिनों बाद जानकी पुल पर लौटा है. उसकी कविताओं से हम सब भली भांति परिचित हैं. एक बार उसने स्कूल डायरी लिखी थी और एक बार चेतन भगत के उपन्यास 'हाफ गर्लफ्रेंड'की समीक्षा की...
View Articleबॉब डिलन को नोबेल और कवि कक्का का फोन!
गायक, गीतकार बॉब डिलन को साहित्य का नोबेल क्या मिला हर तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म है. प्रवीण कुमार झाका एक अवश्य पठनीय टाइप व्यंग्य पढ़िए- मॉडरेटर ===============================================कवि कक्का...
View Articleहमारा प्रेम सिलवटों में कहीं निढाल पड़ा है
इला जोशी की कविताएँ त्रिपुरारि की भूमिका के साथ- मॉडरेटर =========================================इला जोशीकी कविताएँ पढ़ते हुए यूँ महसूस होता है,जैसे किसी परिंदे को इस शर्त पर रिहाई मिले कि उसके पंख काट...
View Articleप्रीतपाल कौर की कहानी 'खिड़की की आँख'
प्रीतपाल कौरएक जमाने में एनडीटीवी की एंकर थीं. संवेदनशील पत्रकार प्रीतपाल कौर की एक संवेदनशील कहानी- मॉडरेटर =================== खिड़कीके बाहर का चौकोर आसमान का टुकड़ा खिड़की जितना ही बड़ा है. लेकिन इसमें...
View Articleहरमिंदर सिंह की 'एच.आर. डायरीज'
किताबों की ऑनलाइन बिक्री ने हिंदी सेल्फ पब्लिशिंग को बढ़ावा दिया है. हाल में ही एक उपन्यास हाथ आया 'एच.आर. डायरीज', कंपनियों के एक एच. आर. विभाग के कार्यकलापों को लेकर लिखा गया. लेखक हैं हरमिंदर सिंह....
View Articleसीरज सक्सेना की कविताएं
सीरज सक्सेनाजाने माने युवा चित्रकार हैं, सिरैमिक के कलाकार हैं। हमें हाल में ही पता चला वे कविताएं भी लिखते हैं। उनकी कुछ कविताएं आज खास आपके लिए- मॉडरेटर =========================================शून्य...
View Articleपुरातन शोक का अविस्मरणीय संगीत
25 अक्टूबर को निर्मल वर्माकी पुण्यतिथि है. इस अवसर पर हम समय समय पर कुछ सामग्री देते रहेंगे. आज उनकी रचनाओं के जादू, उसके प्रभाव को लेकर सुश्री श्री श्रीका लेख...
View Articleहबीब जालिब की नज़्म 'लता'
यतीन्द्र मिश्रकी किताब 'लता सुर गाथा'पढ़ रहा था तो उसमें इस बात के ऊपर ध्यान गया कि इंकलाबी शायर हबीब जालिबजब 1976 में जेल में बंद थे तो वे लता मंगेशकर के गीत सुना करते थे. उन्होंने कहा है कि जेल में...
View Articleदीवानों के देश में एक क्रिकेट मैच
भारत में क्रिकेट मैच देखना भी एक अनुभव होता है. अभी हाल में ही दिल्ली में संपन्न हुए एकदिवसीय क्रिकेट मैच को देखने के अनुभवों को लेकर श्रीमन्त जैनेन्द्रने यह लेख लिखा है. श्रीमंत खुद क्रिकेट खिलाड़ी रह...
View Articleनॉर्वे में हूँ, निर्मल वर्मा की 'परिंदे'याद आ रही है!
नॉर्वे प्रवासी डॉक्टर-लेखक प्रवीण कुमार झा के व्यंग्य हम पढ़ते रहे हैं लेकिन यह व्यंग्य नहीं है. 25 अक्टूबर को निर्मल वर्माकी पुण्यतिथि है, उसी अवसर पर उन्होंने एक निर्मल-कथा लिखी है. पढ़ा जाए- मॉडरेटर...
View Articleसोनाली मिश्र की कहानी 'चिड़िया की उड़ान'
हिन्दी लेखिकाओं पर यह आरोप लगाया जाता है कि वे राजनीतिक कहानियाँ नहीं लिख सकती। युवा लेखिका सोनाली मिश्रकी कहानियों में यही बात आकर्षित करती है कि समकालीन राजनीति के दांव-पेंच उनकी कहनियों में बखूबी...
View Articleनिर्मल को पढने से मन निर्मल हो जाता है
आज महान लेखक निर्मल वर्माकी पुण्यतिथि है. लेखिका दिव्या विजयने उनके लिखे किरदारों को नाटक में जीने के अपने अनुभव के आधार पर लिखा है कि किस तरह निर्मल वर्मा के लिखे को महसूस किया जा सकता था. हिंदी के उस...
View Articleहिंदी में एकांगी मीडिया मंथन
अरविंद दासने जेएनयू से मीडिया पर पीएचडी कर रखी है। मेरे जानते हिन्दी में मीडिया पर जो गिनी चुनी शोधपूर्ण पुस्तकें हैं उनमें एक अरविंद दास की किताब भी है- हिंदी में समाचार। एक मीडिया संस्थान में काम भी...
View Articleखदेरू की चिंगचांग और जुब्बा ख़ाला के चीनी बर्तन
चीनी सामानों के बहिष्कार की देशभक्ति का दौर है, दीवाली आ गई है मन मेन ऊहापोह है बिजली के चीनी झालर लगाएँ या न लगाएँ, न लगाएँ तो क्या लगाएँ? इसी ऊहापोह के दौर में बहुत दिनों बाद सदफ़ नाज़अपने नए व्यंग्य...
View Articleउपासना झा की कहानी 'महुआ घटवारिन'
उपासना झाने हाल के दिनों में कविता, अनुवाद जैसे क्षेत्रों में अपनी जबर्दस्त रचनात्मक पहचान दर्ज करवाई है. आज उनकी नई कहानी 'महुआ घटवारिन'- मॉडरेटर ======================================दूरी रे गबनमा से...
View Articleएजाज अहमद: पश्चिम की‘थ्योरी’ और तीसरी दुनिया का साहित्य
एजाज अहमदका नाम 90 के दशक में थ्योरी, आलोचना के सन्दर्भ में खूब लिया जाता था. आजकल गंभीर विमर्शों, आलोचना से नई पीढ़ी विमुख हो रही है. लेकिन वैभव सिंहका लेखन इसका अपवाद है. वे लगातार गंभीर लेखाकं कर रहे...
View Articleपिंक फ्लॉयड, द गनर्स ड्रीम और स्वप्निल का अनुवाद
आज कल सेना, सैनिक, शहादत की बड़ी चर्चा है. लेकिन क्या कोई यह सोचता है सैनिक मन में क्या चाहता है? महान ब्रिटिश बैंड पिंक फ्लॉयड का गाया एक मशहूर गीत है 'द गनर्स ड्रीम'. उस गीत का बहुत सुन्दर अनुवाद...
View Article