क्यों जाएँ 'जय गंगाजल'देखने?
आज महाशिवरात्रि है. आज 'जय गंगाजल'फिल्म की समीक्षा पढ़िए. प्रकाश झा की फिल्म है, मानव कौल की एक्टिंग है, बिहार की राजनीति है. निजी तौर पर मुझे प्रकाश झा की किसी फिल्म ने कभी निराश नहीं किया. बहरहाल, इस...
View Articleअमृत रंजन की 'पांचवीं क्लास की डायरी'
अमृत रंजनकी कवितायेँ हम जानकी पुल पर तब से पढ़ रहे हैं जब वह पांचवीं कक्षा में था. अब वह सातवीं कक्षा में है और उसने पांचवीं कक्षा के अनुभवों को डायरी की शक्ल में लिखा है. मेरे ख़याल से पहली ही बार किसी...
View Articleमौलश्री कुलकर्णी की कविताएं
आज मौलश्री कुलकर्णी की कविताएं. पेशे से इंजीनियर मौलश्री नाटकों में भाग लेती रही हैं, 8 वीं क्लास से कविताएं लिख रही हैं लेकिन उनको खुद ही टुच्ची समझती रहीं. गहरी उद्दाम भावनाओं की अभिव्यक्ति है उनकी...
View Article'हिंदी महोत्सव'ने कई मिथ तोड़े हैं
पिछले रविवार की बात है. आज सुबह सुबह याद आ रही है. ‘वाणी फाउंडेशन'और ऑक्सफोर्ड बुक स्टोर ने पिछले रविवार 6 मार्च को ‘हिंदी महोत्सव’ का आयोजन किया था, जो कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. अब तक हिंदी के लिए...
View Articleबीवी हूं जी, हॉर्नी हसीना नहीं
सुपरिचित लेखिका नीलिमा चौहानआजकल 'पतनशील पत्नियों के नोट्स'लिख रही हैं. एक नए तरह का गद्य, देखने का अलग नजरिया. आज अगली क़िस्त पढ़िए- मॉडरेटर ====================================================बीवी हूँ...
View Article‘पापा, डायवोर्स क्या होता है?’
यह मेरी नई लिखी जा रही किताब का एक अंश है. पढ़कर राय दीजियेगा- प्रभात रंजन ============================================================डायवोर्स ‘पापा, डायवोर्स क्या होता है?’किसने बताया? मम्मा ने?’...
View Article'आजादी'के दौर में 'आजादी मेरा ब्रांड'
‘आजादी मेरा ब्रांड’- कायदे से मुझे इस किताब पर जनवरी में ही लिखना चाहिए था. जनवरी में विश्व पुस्तक मेले में जब इस किताब का विमोचन हुआ था तब मैं उस कार्यक्रम में गया था. संपादक सत्यानंद निरुपम जी ने...
View Articleबली सिंह की कविताएं
बली सिंहको हम लोग एक संघर्षशील, ईमानदार और जुझारू जनवादी कार्यकर्ता के रूप में जानते हैं. कम लोग जानते हैं कि वे बेहद संवेदनशील कवि हैं. कॉलेज के दिनों में उनकी एक कविता मुझे बहुत पसंद थी- घर न हुआ...
View Articleप्रेम में रूपांतरण की कथा है जाहनू बोरुआ की फिल्म 'पोखी
असमिया फिल्म के प्रख्यात निर्देशक जाह्नू बोरुआकी फिल्म 'पोखी'पर सैयद एस. तौहीदका लेख- मॉडरेटर =====================================================================वास्तविक शिक्षा स्वयं को अनेक रूपों...
View Articleकलाकारों के आरोप- प्रत्यारोप और सरकार के आश्वासन
हाल में ही संपन्न हुए पटना फिल्म फेस्टिवल पर सुशील कुमार भारद्वाज की रपट- मॉडरेटर =====================================================बिहार में वर्ष 2016की शुरूआत फिल्मों के नजरिए से अच्छी मानी जा...
View Articleबुरा न मानो होली है
चनका के रंग में होली की भंग आज कल हिंदी में युवा काल चल रहा है. जाने किसकी पंक्ति याद आ रही है- उस दौर में होना तो बड़ी बात थी लेकिन युवा होना तो स्वर्गिक था. मेरे एक अग्रज मित्र मुझे ‘वरिष्ठ युवा’ कहते...
View Articleजानकी पुल के पाठकों के लिए प्रेम भारद्वाज का सम्पादकीय
इस होली पर हम आभारी हैं यशस्वी संपादक प्रेम भारद्वाज जी के कि उन्होंने आज जानकी पुल के पाठकों के लिए सम्पादकीय लिखा है. हालाँकि होली का सुरूर ऐसा चढ़ा है कि ठीक ठीक कह नहीं सकता कि यह सम्पादकीय उन्होंने...
View Article'हलाला'का मतलब है हल ला ला- भगवानदास मोरवाल
बुरा न मानो होली है की अगली कड़ी- मॉडरेटर ================================वरिष्ठ लेखिका गीताश्रीसे बातचीत करने की कोशिश की, बड़ी मुश्किल से उनका यह होली सन्देश मिल पाया है- मैं क्या सन्देश दूँ मेरा जीवन...
View Articleतसनीम खान की कहानी 'रुख ए गुलजार '
आज तसनीम खानकी कहानी. हाल में इनको भारतीय ज्ञानपीठ के युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इस तरह के परिवेश और ऐसी जुबान में कहानियां लिखने वाले नई पीढ़ी में विरल होते जा रहे हैं- मॉडरेटर...
View Articleमनोहर श्याम जोशी लेखन के ज्वालामुखी थे
आज मनोहर श्याम जोशी को दुनिया से गए 10 साल हो गए.आज मुझे अचानक याद आया कि जावेद अख्तर ने अपनी किताब ‘तरकश’ जब उनको भेंट की थी तो उस पर लिखा था- ‘to the volcano of writing’.सच में वे लेखन के ज्वालामुखी...
View Articleएक अनजानी दुनिया की सबसे विश्वसनीय खिड़की
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठीकी किताब 'मैं हिजड़ा मैं लक्ष्मी'मेरी सबसे प्रिय किताबों में एक है. लक्ष्मी ने किन्नर समुदाय की पहचान को एक नई ऊंचाई दी. आज वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब की समीक्षा कौशलेन्द्र...
View Articleरवीश कुमार की कविताएं
रवीश कुमारको पढ़ते हुए, सुनते हुए कई बार कि ये मूलतः कवि-ह्रदय हैं. 'इश्क में शहर होना'के बाद तो ऐसा बार-बार लगा लेकिन इधर वे कविता के रूप में ही कविताएं लिख रहे हैं. उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि वे...
View Articleअमिताभ बच्चन की एकमात्र आधिकारिक जीवनी के बारे में
पनामा पेपर्स के सामने आने के बाद, अमिताभ बच्चन का नाम सामने आने के बाद, अमिताभ बच्चन के यह कहने के बाद कि उनको तो उन कंपनियों के बारे में पता भी नहीं. पता नहीं कैसे क्या हुआ? मेरे अंदर का अमिताभ बच्चन...
View Articleदेवदत्त पटनायक की पुस्तक 'भारत में देवी'का एक अंश
देवदत्त पट्टनायक हमारे समय में संभवतः मिथकों को आम लोगों की भाषा में पाठकों तक सरल रूप में पहुंचाने वाले सबसे लोकप्रिय लेखक हैं. उनकी नई पुस्तक आई है 'भारत में देवी: अनंत नारीत्व के पांच स्वरुप'. यह...
View Articleअविनाश मिश्र की दस कविताएं
हिंदी कविता की हालत इतनी बुरी हो चुकी है कि किसी कवि में नयापन दिखता ही नहीं है. कभी कभी जी करता है कि हिंदी कविता के साथ काण्ड कर दूँ. लेकिन कुछ कवियों की कवितायेँ रोक लेती हैं. अविनाश मिश्र ऐसे ही...
View Article