सरकार है या ब्रांड मैनेजिंग कम्पनी?
सरकार किस तरह से ब्रांड, प्रतीकों के सहारे चल रही है उसका एक रोचक विश्लेषण किया है युवा मीडिया विशेषज्ञ संजय सिंह बघेलने- मॉडरेटर ==========================गुडगाँव का नाम रातोरात बदलकर जिस तरह...
View Articleकश्मीर की एक जरूरी दास्तान है फिल्म 'वैली ऑफ़ सेंट्स'
फिल्मकार मूसा सईद की फिल्म 'वैली ऑफ़ सेंट्स'पर एक जरूरी लेख लिखा है सैयद एस. तौहीदने- मॉडरेटर ========कश्मीर की ज़मीन से आ रही पाक सदा को युवा फिल्मकार मूसा सईद ने गहरे मायने में सुना.. 'पाक रूहों का...
View Articleसंभावनाओं से ज़्यादा सपनों का सौदा हो रहा है
आज पारुल रावतकी कवितायेँ त्रिपुरारि कुमार शर्मा की भूमिका के साथ. पारुल का एक परिचय यह भी है कि वह दिवंगत कवि श्री भगवत रावत के परिवार की तीसरी पीढ़ी की कवियित्री हैं. अपने मुहावरे की ताजगी और बयान की...
View Articleपाट्रिक मोदियानो का उपन्यास हिंदी में- मैं गुमशुदा!
2014 में जब फ्रेंच भाषा के लेखक पाट्रिक मोदियानोको नोबेल पुरस्कार मिला तो कम से कम हिंदी की दुनिया में वह एक अपरिचित सा नाम लगा. बाद में पढने में आया कि फ्रांस के बाहर भी उनका नाम बहुत परिचित नहीं था...
View Articleतरह--तरह के लेखक तरह-तरह के पाठक
लेखक पाठक रिश्ते को लेकर आज राजकिशोर जी का लेख- मॉडरेटर ============================================लेखक और पाठक का रिश्ता उतना सपाट नहीं होता है जितना उत्पादक और उपभोक्ता का। उत्पादक अपने मानसिक आनंद...
View Articleक्या पत्रकार होना कमतर लेखक होना होता है?
जब दो सप्ताह पहले ‘जनसत्ता’ में प्रकाशित अपने लेख में प्रोफ़ेसर गोपेश्वर सिंह ने लप्रेक लेखक रवीश कुमार को टीवी पत्रकार कहकर याद किया था तो सबसे पहले मेरे ध्यान में यह सवाल आया था कि क्या लेखक होने के...
View Articleएक अनुवाद पुस्तक जो अनुवाद के मानक की तरह है!
क्या सच में हिंदी की दुनिया बदल गयी है, बदल रही है. एक जमाने में अच्छी किताबों की चर्चा हुआ करती थी, आज उनको नजरअंदाज कर दिया जाता है. ऐसा ही एक अनुवाद जाने माने आलोचक, अनुवादक मदन सोनीद्वारा किया हुआ...
View Articleआंसुओं के माध्यम से कही गयी प्रेम कहानी
फ्रेंच लेखक डाविड फोइन्किनोसके उपन्यास डेलिकेसी'का एक अंश. यह उपन्यास हिंदी में 'नजाकत'के नाम से राजपाल एंड सन्ज प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. अनुवाद मैंने किया है- प्रभात रंजन...
View Articleबचे हुए लोग और गाँव
राजकिशोर के संपादन में निकलने वाली पत्रिका रविवार डाइजेस्टमें मेरी पीढ़ी के प्रतिभाशाली कथाकारमनोज कुमार पांडेकी कवर स्टोरी गाँव पर आई है. जो लोग पत्रिका नहीं पढ़ सकते हुनके लिए यहाँ दे रहा हूँ-...
View Articleमगध आसन्न मृत्यु का आलाप है
श्रीकांत वर्मा की कविता पुस्तक 'मगध'पर यह लेख आशुतोष भारद्वाजने लिखा है. आजकल कविता का इतना सूक्ष्म विश्लेषण विरल होता जा रहा है. लेकिन ख़ुशी होती है कि समकालीन लेखकों में भी इस तरह का धैर्य और तैयारी...
View Articleस्कूली कवि अमृत रंजन की कवितायेँ
हमारा स्कूली कवि अमृत रंजननई कविताओं के साथ हाजिर है. उसकी कविताओं की सबसे बड़ी विशेषता जो मुझे लगती है कि वह किसी की तरह नहीं बल्कि अपनी तरह लिखना चाहता है. इस बालक से यह हुनर आज के युवा कवियों को...
View Articleयोगिता यादव की कहानी 'पीड़ का पेड़'
योगिता यादवहिंदी की जानी पहचानी युवा लेखिका हैं. अपनी कहानियों के लिए उनको ज्ञानपीठ का नवलेखन पुरस्कार भी मिल चुका है. आज उनकी एक कहानी- मॉडरेटर ===============================================उस वीराने...
View Articleआदिवासी समाज के बिसरे गिरमिटियाओं की भूली दास्तान
जब भी गिरमिटिया मजदूरों की बात होती है, हमारे सामने ऐसे किसी मजदूर की जो छवि उभरती है वह भोजपुरी समाज का होता है। अभी तक जो भी बहुचर्चित साहित्यिक लेखन सामने आए हैं, उनमें भोजपुरिया गिरमिटियों के बारे...
View Articleबच्चों की एक अलबेली दुनिया और फिल्म 'वाइट बैलून'
सैयद एस. तौहीदने ज़फर पनाही की फिल्म वाइट बैलूनपर लिखा है- मॉडरेटर =====================================================ईरान में फिल्मों का निर्माण एक बेहद साहसी काम हुआ करता है. ईरानी फ़िल्मकारों को ऊपर...
View Articleमिथिलेश कुमार राय की कविताएं
मिथिलेश कुमार राय की कविताओं में में दुःख की ऐसी आवाज है जिसका साधारणीकरण अपने साथ होने लगता है. नाउम्मीद समय में उम्मीद की तरह उनकी कविताओं का अस्वाद लीजिये- मॉडरेटर...
View Articleड्रामा स्कूल में ड्रामे का ड्रामा
जाने माने पत्रकार आशुतोष भारद्वाजहिंदी के अच्छे कथाकार भी हैं. उन्होंने अपना पहला उपन्यास लिखा है. उसका अंश पहली बार जानकी पुल के पाठकों के लिए उन्होंने साझा किया है- मॉडरेटर...
View Articleमोदी के तिलिस्म के आगे और पीछे
ब्रांड मोदी का तिलिस्म: बदलाव की बानगी- धर्मेन्द्र कुमार सिंहकी यह कितान बहुत सही टाइम पर आई है. मोदी सरकार के दो साल पूरे होने का जश्न मनाया जाने वाला है. दूसरी तरफ अभी पांच राज्यों में हुए विधानसभा...
View Articleप्रकृति करगेती की नई कविताएं
प्रकृति करगेतीकी कहानियों से हम सब परिचित रहे हैं. उनकी कविताओं का भी विशिष्ट स्वर है. भाषा और विचार का जबरदस्त संतुलन साधने वाली इस कवयित्री की कुछ नई कविताएं- मॉडरेटर...
View Articleआराधना प्रधान की कविताएं
आराधना प्रधानको मैं साहित्य की एक गंभीर एक्टिविस्ट के रूप में जानता रहा हूँ. उनकी कविताओं को पढना सुखद लगा. पहले भी उनकी कविताएं 'कथादेश'में छप चुकी हैं. भावों को शब्दों में पिरोने की कला ही तो कविता...
View Articleबिंदु जिसमें संभावनाएं थी लकीर बनने की
मेरे जीमेल अकाउंट में कई बार अनजान पतों से अच्छी अच्छी रचनाएँ आ जाती हैं. ऐसे ही एक कवि नीरज पांडेकी कविताओं से परिचय हुआ. दिल्ली विश्वविद्याल के पूर्व छात्र नीरज आजकल मुंबई में स्क्रीनप्ले लेखन करते...
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