स्याह दौलत(काला धन) और उम्मीद के अनुलोम-विलोम
लोकसभा चुनावों से पहले काला धन वापस लाने का ऐसा शोर था कि कई लोग तो सपने देखने लगे कि उनके बैंक खातों में 3 से 15 लाख तक रुपये आ जायेंगे. बड़े बड़े मंसूबे बंधे जाने लगे. मियां बुकरात, बटेशर, खदेरू भी कुछ...
View Articleमहाकरोड़ क्लब की फिल्मों की कंटेट पर चर्चा करना बेमानी है!
शाहरुख़ खान की फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर'सैकड़ों करोड़ कमाकर सुपर डुपर हिट हो चुकी है. ऐसे में उस फिल्म की प्रशंसा या आलोचना करना बेमानी सा लगता है. फिर भी, एक दर्शक की नजर से सैयद एस. तौहीदने इस फिल्म के...
View Articleखतरनाक सच का सामना है 'एक भाई का क़त्ल'
‘एक भाई का क़त्ल’शीर्षक से ही लगता है खूनखराबे वाला उपन्यास होगा, जिसमें रहस्य-रोमांच की गुत्थियाँ होंगी. लेकिन तुर्की के युवा लेखकबारिश एम. के इस उपन्यास में अपराध कथा के साथ एक बड़ी सामाजिक समस्या का...
View Articleरॉबिन शॉ पुष्प के साथ एक युग का अवसान हो गया!
कल हिंदी के वरिष्ठ लेखक रॉबिन शॉ पुष्पका निधन हो गया. आजीवन मसिजीवी रहे इस लेखक ने बिहार की कई पीढ़ी के रचनाकारों को प्रभावित किया. उनको याद करते हुए आज प्रसिद्ध लेखक हृषिकेश सुलभने अच्छा लिखा है....
View Articleरश्मिरेखा की कविताएं
रश्मिरेखा उन कवयित्रियों में हैं जो चुपचाप लिखने में यकीन रखती हैं. प्रचार प्रसार से दूर रहने वाली मुजफ्फरपुर की इस वरिष्ठ कवयित्री की कुछ कविताएं आज आपके लिए- मॉडरेटर...
View Article'जेड प्लस'के लेखक रामकुमार सिंह से एक बातचीत
21 नवम्बर की 'चाणक्य'और 'पिंजर'फेम निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म 'जेड प्लस'रिलीज हो रही है. यह फिल्म हिंदी लेखक रामकुमार सिंहकी मूल कहानी पर आधारित है. यह हमारे लिए ख़ुशी की बात है कि एक लेखक...
View Article'समन्वय'की शुरुआत पर कुछ बातें पॉपुलर पॉपुलर!
आज से इण्डिया हैबिटेट सेंटर के भारतीय भाषा फेस्टिवल ‘समन्वय’ के चौथे सत्र का शुभारम्भ हो रहा है. इस बार ‘समन्वय’का पहला ही सत्र (कल 2 बजे दोपहर) ‘पल्प-गल्प’यानी हिंदी के नए लोकप्रिय लेखन को लेकर है....
View Articleश्रीकांत दुबे की कविताएं
श्रीकांत दुबेकई विधाओं में लिखते हैं. उनको मैं अच्छे कथाकार के रूप में जानता रहा हूँ. इन कविताओं को पढ़कर चौंक गया. कुछ टटके बिम्बों वाली कविताएं. आप भी पढ़िए- प्रभात रंजन 1.अन्यों का समुच्चय मैंमेरी...
View Articleशोक, पीड़ा, और कर्त्तव्य: विश्व सिनेमा में करुण रस की फिल्में (भाग- १)
युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीरकी इस लेखमाला की मैं फिर याद दिलाना चाहता हूँ जिसमें वे विश्व सिनेमा पर लिख रहे हैं रस सिद्धांत के आधार पर. जी, इस बार करुण रस के आधार पर उन्होंने विश्व की कुछ चुनिन्दा फिल्मों...
View Articleओमा शर्मा की 'अदब से मुठभेड़'
आज लेखक ओमा शर्माकी पुस्तक 'अदब से मुठभेड़'का लोकार्पण है. हिंद पॉकेट बुक्स से प्रकाशित इस पुस्तक में राजेन्द्र यादव, मन्नू भंडारी, प्रियंवद और शिवमूर्ति और मशहूर पेंटर मकबूल फ़िदा हुसैन से समय समय पर...
View Articleकला, स्त्री, नैतिकता, धर्म और 'रंगरसिया'
'रंगरसिया'फिल्म रिलीज होने के बहुत पहले से चर्चाओं में रही है, उत्सुकताओं के केंद्र में रही है. आखिर रवि वर्मा के जीवन को केंद्र में रखकर बनाई गई इस फिल्म को केतन मेहता ने किस तरह बनाया है. जीवन,...
View Articleक्षितिज रॉय की कहानी 'लड़का, लड़की और तीव्र मुद्रिका'
इधर क्षितिज रायकी कहानियों की शैली ने मुझे बहुत प्रभावित किया है. नीलेश मिश्रा की मंडली के लेखक रहे हैं इसलिए कहानी में संतुलन की कला से अच्छी तरह वाकिफ हैं. दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स के विद्यार्थी...
View Articleकुमार विश्वास क्यों मेरे दिल के बहुत करीब है?
मैं हिंदी का कैसा लेखक हूँ यह आप जानें. मुझे अपने लेखन को लेकर कोई मुगालता नहीं है. लेकिन ‘पाखी’ पत्रिका में कुमार विश्वास के साक्षात्कार के प्रकाशन के नजरिये और उनके साक्षात्कार के प्रकाशन के बाद जिस...
View Articleरवीश कुमार की कहानी 'स्मार्ट सिटी विद 32GB'
रवीश कुमारकी यह संभवतः पहली कहानी है. उनकी सम्मोहक भाषा के हम सब कायल रहे हैं. जो है उससे अलग करने की जबरदस्त प्रतिबद्धता उनके काम में दिखाई देती है, इसलिए वे जो भी करते हैं अलग दिखाई देता है. इस कहानी...
View Articleमनीषा पांडे की पांच कविताएं
कहते हैं कविता अभिव्यक्ति का विशुद्ध रूप होता है- भावना और बुद्धि के सबसे करीब. मनीषा पांडे की कविताओं को पढ़ते हुए ऐसा लगा जैसे हम किसी और लेखिका को पढ़ रहे हैं, उस मनीषा पाण्डे को नहीं जिसके लेखन के...
View Articleक्या है जर्मन-संस्कृत विवाद?
केन्द्रीय सेवाओं में हिंदी के उचित महत्व के मुद्दे परप्रेमपाल शर्माके तर्कों के हम सब कायल रहे हैं. केन्द्रीय विद्यालयों में जब जर्मन भाषा के स्थान पर संस्कृत पढ़ाने का मसला आया तो यह जरूरी लगा कि...
View Articleरणदीप और नंदना की अधिक रवि वर्मा की कम बनी 'रंगरसिया'
100 करोड़ के टारगेट की वजह से आजकल ऐसी फ़िल्में कम आ पाती हैं जिनमें कंटेंट के स्तर पर कुछ कहने सुनने को हो. 'रंगरसिया'एक अलग फिल्म फिल्म साबित हुई. जब से आई है चर्चा में बनी हुई है. रंजीत देसाई के...
View Articleडीयू का बिहार कनेक्शन और अंग्रेजी उपन्यास
लोकप्रिय अंग्रेजी उपन्यासों का यह साल दिल्ली विश्वविद्यालय के नाम रहा. दिल्ली विश्वविद्यालय का बिहार कनेक्शन इस साल अंग्रेजी के लोकप्रिय उपन्यासों का सबसे कारगर मुहावरा रहा. रविंदर सिंह का उपन्यास...
View Articleमुम्बई, 26/11 और एक किताब 'हेडली और मैं'
आज 26 नवम्बर है. 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद से 26/11 को स्याह दिन की तरह याद किया जाता है. बहुत लोगों को याद होगा कि इस घटना के मुख्य आरोपी डेविड हेडली के साथ अनजाने में जुड़े होने के कारण...
View Articleप्रताप सोमवंशी की चार कविताएं
प्रताप सोमवंशीको हम सजग वरिष्ठ पत्रकार के रूप में अच्छी तरह जानते हैं. वे एक संवेदनशील कवि भी हैं. कविता उनके सार्वजनिक के निजी एकांत की तरह हैं. यहाँ प्रस्तुत हैं उनकी चार कविताएं- मॉडरेटर...
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