सुरेन्द्र मोहन पाठक की 'कलम-मसि'यात्रा और लोकप्रिय बनाम गंभीर की बहस
23 जुलाई को पटना में हिंदी की दुनिया में बदलाव के एक नए दौर की शुरुआत का दिन था. निर्विदाद रूप से हिंदी के सबसे लोकप्रिय अपराध-कथा लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक पटना आये, यहाँ के पाठकों से संवाद किया. लेखक...
View Articleसुरेन्द्र मोहन पाठक क्यों हिंदी लोकप्रिय लेखन के शिखर हैं?
जब मैं यह कहता हूँ कि सुरेन्द्र मोहन पाठक हिंदी के सबसे लोकप्रिय लेखक हैं तो उसका मतलब यह लिखना नहीं होता है कि वे हिंदी के सबसे अच्छे लेखक हैं, सबसे बड़े लेखक हैं? लेकिन यह जरूर होता है कि हिंदी में जो...
View Articleनामवर सिंह का सम्मान हिंदी का सम्मान है!
मुझे याद आ रहा है कि एक बार ‘कथादेश’ पत्रिका के एक कार्यक्रम में उत्तर-आधुनिक विद्वान सुधीश पचौरी ने नामवर सिंह को हिंदी का अमिताभ बच्चन कहा था. आज नामवर सिंह के 90वें जन्मदिन के दिन यह कथन याद आ रहा...
View Articleमध्यवर्ग का क्या है? सोते में posture बदलता है, जागते में पंथ!
नॉर्वेवासी डॉक्टर-लेखक प्रवीण कुमार झाको जितना पढता हूँ उनका मुरीद होता जाता हूँ. जैसे उनकी यह चिट्ठी ही पढ़ लीजिये. क्या सेन्स ऑफ़ ऑब्जर्वेशन है- मॉडरेटर ============================================हर...
View Articleप्रेमचन्द के नाम शहरी बाबू की पाती
धर्मग्रंथों के बाद हिंदी में सबसे अधिक उनकी रचनाएँ पढ़ी गईं और धार्मिक कथा-लेखकों-कवियों के बाद वे हिंदी समाज के सबसे अधिक समादृत लेखक हैं. मुझे उनके लेखन से अधिक उनका लेखकीय व्यक्तित्व प्रभावित करता...
View Articleसुश्री श्री श्री की कविताएं
कुछ कवियों, कुछ कविताओं को पढना आध्यात्मिक सुकून देता है. सुश्री श्री श्रीका नाम छद्म है लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है. कविताओं में ताजगी है. रूह तक उतर जाने वाली. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ========1बचपन में...
View Articleशुभम श्री की भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार प्राप्त कविता "पोएट्री मैनेजमेंट"
शुभम श्रीकी कविता पर पहली बार बहस नहीं हो रही है. उसकी कविता 'बुखार, ब्रेक अप आई लव यू'को लेकर भी लम्बी बहस चली थी. जो कवि कविता के प्रचलित शिल्प में तोड़फोड़ करता है उसकी कविताओं को लेकर बहस होती ही है....
View Articleकविता पर बहस के बीच कुछ सरप्राइज़ कविताएं
दो दिनों से कविता-शविता को लेकर अभूतपूर्व बहस छिड़ी हुई. इस कविता के मौसम में आज कुछ सरप्राइज कवितायेँ जे सुशीलकी. जे सुशील को हम घुमक्कड़ के रूप में जानते हैं, एक पत्रकार के रूप में जानते हैं. उनकी...
View Articleकोई हिप्पी, कोई साधु। कोई नेता, कोई अभिनेता। अजीब मिक्स है!
पेशे से डॉक्टर प्रवीण कुमार झामूलतः व्यंग्यकार हैं. आज उनका यह व्यंग्य लेख यमलोक में 'बलात्कारी विभाग'को खुलने को लेकर है. एक चुभता हुआ व्यंग्य- मॉडरेटर...
View Articleमीना कुमारी के अदाकारा बनने की कहानी उनकी जुबानी
अगस्त के महीने में प्रसिद्ध अभिनेत्री मीना कुमारीका जन्म हुआ था. आज यह लेख. प्रस्तुति सैयद एस. तौहीदकी- मॉडरेटर ================मां ने बच्चे को कहानी सुनाई...इक शहजादा था. उसका लाल घोडा बड़ा तेज़ भागता...
View Articleदिव्य प्रकाश दुबे के उपन्यास 'मुसाफिर कैफे'का अंश
युवा लेखक दिव्य प्रकाश दुबेका उपन्यास आने वाला है- मुसाफिर कैफे. इस प्रयोगधर्मी लेखक के उपन्यास का एक अंश लेखक के अपने वक्तव्य के साथ- मॉडरेटर ====================================मुसाफ़िरCafe को पढ़ने से...
View Articleबेशर्म समय की शर्म का व्यंग्यकार मनोहर श्याम जोशी
आज हिंदी के विलक्षण लेखक मनोहर श्याम जोशी की जयंती है. इस मौके पर राजकमल प्रकाशन से उनका प्रतिनिधि व्यंग्यप्रकाशित हुआ है. जिसका संपादन आदरणीय भगवती जोशी जी के साथ मैंने किया है. आज उनको याद करते हुए...
View Articleप्रीतपाल कौर की कहानी 'एक औरत'
प्रीतपाल कौरएक जानी मानी पत्रकार रही हैं. विनोद दुआ की न्यूज पत्रिका 'परख'में थीं, बाद में लम्बे समय तक एनडीटीवी में रहीं. उनकी एक छोटी सी कहानी- मॉडरेटर...
View Articleहंसदा सोवेंद्र शेखर की कहानी 'नवंबर प्रवास का महीना है'
आजकल आदिवासी जीवन को लेकर लेखन की चर्चा है. ऐसे में याद आया साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार 2015 से सम्मानित हंसदा सोवेंद्र शेखरकी अंग्रेजी किताब 'आदिवासी विल नॉट डांस', जिसका हिंदी अनुवाद राजपाल एंड...
View Articleदो नम्मर से साहित्य अकादमी रह गया था!
नॉर्वे प्रवासी डॉक्टर प्रवीण कुमार झाके व्यंग्य कुछ दिन न पढ़ें तो कुछ कुछ होने लगता है. यह ताज़ा है. पढियेगा- मॉडरेटर ===================जब हिंदी लिखने की सोची तो कवि कक्का का ख्याल आया। इलाके के इकलौते...
View Articleआप भाग्यशाली हैं कि आप के पास अपना कहने के लिए एक देश है
कथाकार मनोज कुमार पाण्डेबहुत तार्किक ढंग से वैचारिक लेख लिखते हैं. आज़ादी को याद करने के मौसम में उनका यह लेख पढियेगा- मॉडरेटर ==============================आज के लगभग सत्तर साल पहले हमें वह आजादी मिली...
View Articleपति, पत्नी और वो का मुकदमा और 'रुस्तम'
नानावती के प्रसिद्ध मुकदमे को लेकर फिल्म आई है'रुस्तम'. पति, पत्नी और वो की इस कहानी को देखने का नजरिया भी समय के साथ बदलता जा रहा है और इसकी व्याख्या भी. 'रुस्तम'की एक आलोचनात्मक समीक्षा लेखिका दिव्या...
View Articleअंग्रेजी बोलना गौरव हरियाणवी बोलना कलंक! है न शोभा जी?
रियो ओलम्पिक और उसको लेकर खिलाड़ियों के ऊपर आने वाली ऊलजुलूल प्रतिक्रियाओं के बहाने जाने-माने पत्रकार, लेखकरंजन कुमार सिंहका एक चुभता हुआ, झकझोर देने वाला लेख- मॉडरेटर ===============मैं भारत का एक अदना...
View Articleओलम्पिक के नाम डॉक्टर की चिट्ठी
आज व्यंग्यकार प्रवीण कुमार झा की चिट्ठी ओलम्पिक के नाम- मॉडरेटर ================================================हम किस मिट्टी के बने हैं? किस चक्की का आटा खाते हैं? या सवाल यूँ तो वाहियात है, पर हमारी...
View Articleदक्षिण कोरियाई फ़िल्म निर्देशक किम की-डुक की पंचतत्वीय अक्षुण्ण गाथा
कुछ दिन पहले हम ने श्री श्रीकी कविताएं पढ़ी थीं. आज उन्होंने प्रसिद्ध कोरियन फिल्म निर्देशक किम की डुक की पांच फिल्मों का सूक्ष्म विश्लेषण किया है. पढियेगा- मॉडरेटर...
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